रूस ने अपने सर्वाधिक शक्तिशाली रॉकेट अंगारा-5 का दूसरा सफल प्रक्षेपण दिसम्बर 2020 में किया।
रूस का यह हैवी लिफ्ट रॉकेट अधिक वजन युक्त पैलोड को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने में सक्षम है।
अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट गाओफ़ेन-14 :-
पृथ्वी पर सटीक निगरानी के लिए चीन ने उन्नत किस्म के अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट गाओफ़ेन-14 को पृथ्वी की निचली कक्षा में दिसम्बर 2020 में स्थापित किया।
इस सेटेलाइट द्वारा चीन पृथ्वी के किसी भी भाग की तस्वीरें ले सकता है।
गाओफ़ेन उपग्रहों की श्रृंखला चीन के पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों की श्रृंखला है।
स्वदेश निर्मित युद्धपोत हिमगिरि :-
भारतीय नौसेना के लिए उन्नत स्टील्थ युद्धपोत हिमगिरि का जलावतरण दिसम्बर 2020 में कोलकाता में गार्डनरीच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में किया गया।
इस युद्धपोत का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गार्डनरीच शिप बिल्डर्स द्वारा किया जा रहा है।
युद्धपोत हिमगिरि प्रोजेक्ट 17A के तहत निर्मित किए जाने वाले तीन स्टील्थ युद्धपोत में पहला है।
चांग ई-5 मिशन :-
चीन ने चंद्रमा से चट्टानों के नमूने लाने के लिए अपने मिशन चांग ई-5 का प्रक्षेपण अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट लाँग से नवम्बर 2020 में किया।
इस मिशन की सफलता के बाद अमेरिका, सोवियत संघ के बाद चीन दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा जो चंद्रमा से चट्टानों के नमूने लाने में सफल होगा।
अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट ईओएस-01 का प्रक्षेपण:-
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन ने नवम्बर 2020 में अपने अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट EOS-01 का प्रक्षेपण आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में अवस्थित सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र से PSLV सी-49 द्वारा किया गया।
अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट ईओएस-01 इसरो के पूर्ववर्ती रीसैट शृंखला के उपग्रहों का उन्नत संस्करण है।
मानवरहित गगनयान :-
इसरो अन्तरिक्ष में मानव युक्त अन्तरिक्ष उड़ान की दिशा में कार्य करते हुये सबसे पहले दो मानवरहित गगनयान का प्रक्षेपण करेगा।
2021 के अंत तक मानवरहित गगनयान का प्रक्षेपण संभावित है इस मिशन में स्वदेश निर्मित रोबोट व्योम मित्र को अन्तरिक्ष में भेजा जाएगा।
गगनयान का प्रक्षेपण भूस्थैतिक प्रक्षेपण यान GSLV MK-3 द्वारा किया जाएगा।
QRSAM मिसाइल सिस्टम का प्रक्षेपण :-
डीआरडीओ ने सतह से आकाश में मार करने वाली क्विक रिएक्सन हथियार प्रणाली QRSAM मिसाइल के दो परीक्षण ओड़ीशा के तट पर अवस्थित चाँदीपुर परीक्षण रेंज से किया जो सफल रहा।
स्कार्पीन श्रेणी की पनडुब्बी वागीर का जलावतरण :-
भारतीय नौसेना के लिए तैयार की जा रही पाँचवी स्कार्पीन श्रेणी की पनडुब्बी वागीर का जलावतरण मुंबई स्थित मझगाँव डॉक में नवम्बर 2020 को किया गया।
रडार की नजर से बचने में सक्षम यह स्टील्थ पनडुब्बी टारपीडो से हमला करने के साथ पोतरोधी मिसाइलों को पानी के अंदर और सतह पर भी छोड़ सकती है ।
स्कार्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलबरी, दूसरी खंडेरी, तीसरी करंज, चौथी वेला थी।
अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन में मानव निवास के 20 वर्ष पूर्ण :-
पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन में नवम्बर 2020 में मानव निवास के 20 वर्ष पूर्ण हो गए।
अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन 15 विभिन्न देशों की पाँच अन्तरिक्ष एजेंसियों नासा (अमेरिका), रॉसकॉसमास (रूस), जाक्सा (जापान), ईएसए (यूरोप) व सीएसए (कनाडा) की एक संयुक्त परियोजना है। यह अन्तरिक्ष में मानव निर्मित सबसे बड़ा पदार्थ है ।
इस अन्तरिक्ष केंद्र में किसी भी समय 6 से 7 लोग एक समय में रह सकते हैं, यहाँ एक उच्च स्तरीय प्रयोगशाला भी है।
अमेरिका का आर्टमिस मिशन :-
अमेरिका 2024 में चंद्रमा पर अपने अन्तरिक्ष यात्रियों को उतारेगा इसे उसने आर्टमिस मिशन नाम दिया।
अमेरिका के आर्टमिस मिशन के लिए 18 अन्तरिक्ष यात्रियों का चयन नासा ने किया है इसमें भारतीय मूल के राजा चारी भी शामिल हैं।
चंद्रमा की सतह पर उतरने वाले पहले अन्तरिक्ष यात्री अमेरिका के नील आर्मस्ट्रॉंग और एडविन बुज थे जो अपोलो-11 के तहत जुलाई 1969 में चंद्रमा पर उतरे थे।
जापान का हायाबूसा-2 अन्तरिक्ष यान :-
जापानी अन्तरिक्ष एजेंसी जाक्सा द्वारा पृथ्वी के निकट क्षुद्र गृह रियुगु हायाबूसा-2 अन्तरिक्ष यान भेजा गया था।
हायाबूसा-2 अन्तरिक्ष यान रियुगु से मिट्टी के नमूने लेकर वापस पृथ्वी पर पहुंचा।
भारत का सुपर कंप्यूटर परम सिद्धि :-
राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटर मिशन के तहत निर्मित भारत के सुपर कंप्यूटर परम सिद्धि एआई शक्तिशाली 500 नॉन डिस्ट्रीब्यूटेड सुपर कंप्यूटर की सूची में 63वां स्थान मिला है।
इस कंप्यूटर का निर्माण सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्यूटिंग (C-DAC) द्वारा किया गया है।
यह कम्यूटर मौसम पूर्वानुमान पैकेज की जांच, तेल और गैस की निकासी के लिए जियो एक्स्प्लोरेशन, अड्वान्स माटेरियल, एयरो डिजाइन अध्ययन और अनेक क्षेत्रों में कार्य करने में सक्षम है।