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संयुक्त राज्य अमेरिका पेरिस समझौते से अलग:-
- संयुक्त राज्य अमेरिका यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेन्शन ऑन क्लाइमेट के तहत स्वीकृत पेरिस समझौते से 2020 में अलग हो गया।
- अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पेरिस समझौते को अमेरिका के आर्थिक हितों के प्रतिकूल बताते हुये इससे अलग होने का फैसला किया।
- ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती से संबन्धित पेरिस समझौता 12 दिसम्बर 2015 को पेरिस में कोप-21 (कान्फ्रेंस ऑफ पार्टी ) में स्वीकार किया गया था।
आसियान का 37वां शिखर सम्मेलन :-
- आसियान का 37वां शिखर सम्मेलन नवम्बर 2020 में वियतनाम की मेजबानी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल तरीके से हुआ।
- इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व भारतीय प्रधानमंत्री ने किया।
- ऑनलाइन सम्पन्न हुये इस सम्मेलन की अध्यक्षता वियतनाम के प्रधानमंत्री गुएन शुआन फुक ने की ।
- भारत आसियान का पूर्ण सदस्य नहीं है। केवल वार्ता सहभागी है ।
- आसियान दक्षिण पूर्व एशिया के दस सदस्य देशों (इन्डोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस, वियतनाम, ब्रुनेई, कंबोडिया, म्यांमार व लाओस ) का संगठन है।
- आसियान प्रति वर्ष दो सम्मेलन का आयोजन करता है।
- आसियान का पहला शिखर सम्मेलन 1976 में इन्डोनेशिया के बाली में हुआ था।
- 2007 से आसियान शिखर सम्मेलन वर्ष में दो बार आयोजित किया जाता है ।
स्वतंत्र व्यापार समझौता आरसेप (RCEP) पर हस्ताक्षर :-
- नवम्बर 2020 में आसियान के 37वें शिखर सममेलन में सबसे बड़ी उपलब्धि क्षेत्रीय व्यापार समझौता RCEP पर हस्ताक्षर होना रहा।
- यह समझौता आसियान के 10 देशों और पाँच अन्य देशों आस्ट्रेलिया, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड के बीच हुआ।
- यह समझौता विश्व का सबसे बड़ा स्वतंत्र व्यापार समझौता है, भारत इस स्वतंत्र व्यापार समझौते में शामिल नहीं हुआ क्योंकि इन देशों के साथ व्यापार में भारत को प्रशुल्कों में कटौती करनी पड़ेगी जिससे भारत का व्यापार शेष जो पहले से प्रतिकूल है और प्रतिकूल हो जाएगा और भारतीय बाजार विदेशी उत्पादों से पट जाएंगे। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
भारत आसियान 17वीं शिखर बैठक :-
- भारत आसियान के बीच 17वीं शिखर बैठक भी वर्चुअल तरीके से सम्पन्न हुयी इसकी अध्यक्षता वियतनाम के प्रधानमंत्री गुएन शुआन फुक ने की और भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री ने किया।
- आसियान द्वारा इस तरह की शिखर वार्ता का आयोजन प्रति वर्ष अपने शिखर सम्मेलन में अपने 10 वार्ताकारों के साथ होती हैं ।
15वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन :-
- नवम्बर 2020 में 15 वां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ इसकी अध्यक्षता वियतनाम ने की और भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस0 जयशंकर ने किया।
- इस सम्मेलन में आसियान सदस्य देशों के अलावा 8 अन्य देश जैसे - आस्ट्रेलिया, भारत, चीन, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और रूस भाग लेते हैं।
जी-20 का 15वां शिखर सम्मेलन :-
- जी-20 विश्व की विकसित और प्रमुख उभरती हुयी अर्थव्यवस्थाओं का मंच है, इसका 15वां शिखर सम्मेलन वर्चुअल तरीके से नवम्बर 2020 में सऊदी अरब की मेजबानी में हुआ। जो कि। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में प्रस्तावित था।
- इस सम्मेलन का थीम था "सभी के लिए 21वीं सदी के अवसरों का आभास "।
- भारत कि ओर से इस सम्मेलन का प्रतिनिधित्व भारतीय प्रधानमंत्री ने किया ।
- जी-20 का गठन 1997 के एशियाई वित्तीय संकट से निपटने के लिए 1999 में किया गया था। मूलतः यह संगठन वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों का मंच था लेकिन 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के प्रभावी रूप से हल के लिए इसे राष्ट्राध्यक्षों के लिए उच्चीकरण किया गया।
- जी-20 का मुख्यालय नहीं है बल्कि सदस्य देशों में ही बारी-बारी से इसका आयोजन किया जाता है। आगामी शिखर सम्मेलन का मेजबान देश ही इसका अध्यक्ष माना जाता है।
- 2021 में जी-20 का शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली में प्रस्तावित है।
- 2023 में जी-20 का शिखर सम्मेलन भारत में प्रस्तावित है।
ब्रिक्स का 12वां शिखर सम्मेलन :-
- ब्रिक्स का 12वां शिखर सम्मेलन रूस की मेजबानी में नवम्बर 2020 में वर्चुअल तरीके से सम्पन्न हुआ एवं यह रूस में ही सेंट पीटर्सबर्ग में प्रस्तावित था।
- भारत की ओर से इस सम्मेलन का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।
- नवम्बर में आयोजित इस सम्मेलन का थीम - "वैश्विक स्थिरता , साझा सुरक्षा और अभिनव विकास "।
- ब्रिक्स पाँच देशों का समूह है - ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। यह विश्व की पाँच उभरती हुयी अर्थव्यवस्थाओं का मंच है।
- ब्रिक्स का पहला शिखर सम्मेलन का आयोजन 2009 में रूस के येकाटेरिनबर्ग में हुआ था।
- ब्रिक्स में सबसे बाद में शामिल होने वाला देश दक्षिण अफ्रीका था।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन :-
- शंघाई सहयोग संगठन के दो महत्वपूर्ण सम्मेलन नवम्बर 2020 में सम्पन्न हुये।
- संघई सहयोग संगठन का 20वां शिखर सम्मेलन जिसमें इस संगठन के सदस्य देशों के प्रमुख शामिल होते हैं का आयोजन रूस की मेजबानी में हुआ।
- इस संगठन में शामिल देशों के प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन जिसे शासनाध्यक्ष परिषद का सम्मेलन कहते हैं, का आयोजन भारत की मेजबानी में नवम्बर 2020 में वर्चुअल तरीके से सम्पन्न हुआ।
- संघाई सहयोग संगठन में आठ देश शामिल हैं - भारत, पाकिस्तान, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और तजाकिस्तान।
- 2017 में भारत और पाकिस्तान इस संगठन में पूर्णकालिक सदस्य बने उसके बाद यह तीसरा शिखर सम्मेलन था।
- मध्य एशिया में सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखकर आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से यह संगठन 1996 में शंघाई-फ़ाईव के नाम से स्थापित हुआ। प्रारम्भ में इसमें पाँच देश- रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान और तजाकिस्तान शामिल थे।
- शंघाई सहयोग संगठन का पहला शिखर सम्मेलन 2001 में चीन के शंघाई शहर में आयोजित किया गया था।
- शंघाई सहयोग संगठन का 21वां शिखर सम्मेलन 2021 में तजाकिस्तान में आयोजित होगा।
एपेक का 27वां शिखर सम्मेलन :-
- एपेक का 27वां शिखर सम्मेलन मलेशिया की मेजबानी में वर्चुअल तरीके से आयोजित हुआ इसकी अध्यक्षता मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहीदीन यासीन ने की ।
- एपेक 21 देशों का समूह है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में ऐसे देश जिनकी सीमाएं प्रशांत महासागर से मिलती है वो देश इस संगठन में शामिल हैं।
- इसकी स्थापना 1989 में हुयी थी इसका मुख्यालय सिंगापूर में है।
एंडोरा आईएमएफ़ का 190वां सदस्य बना :-
- यूरोप में पाईरेनीज़ पर्वत की दक्षिण चोटियों में स्थित एक लघु राष्ट्र एंडोरा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का 190वां सदस्य बना।
- एंडोरा फ़्रांस और स्पेन के बीच एक माइक्रो स्टेट है, इसका क्षेत्रफल 468 वर्ग किमी है और विश्व का 16वां सबसे छोटा देश है।
- एंडोरा यूरोपीय यूनियन का सदस्य नहीं है तो भी यहाँ की मुद्रा यूरो है।
- एंडोरा विश्व बैंक का सदस्य नहीं है लेकिन मुद्रा कोष और विश्व बैंक कि संयुक्त सालाना बैठकों में भाग ले सकता है।
संयुक्त नौसैनिक अभ्यास मालाबार 2020 :-
- मालाबार नौसैनिक अभ्यास भारत, जापान, अमेरिका ,आस्ट्रेलिया का संयुक्त अभ्यास है।
- नवम्बर 2020 में यह नौसैनिक अभ्यास दो चरणों में सम्पन्न हुआ, पहला चरण बंगाल की खाड़ी में विशाखापटनम के तट पर भारत कि मेजबानी में हुआ दूसरा चरण अरब सागर में सम्पन्न हुआ।
- मालाबार अभ्यास 1992 में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था।
- 2020 में आयोजित इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का 24 वां संस्करण था।