भारत ने 03 अक्टूबर 2020 को शौर्य मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया।
यह मिसाइल सतह से सहत पर मार करने वाली परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल है, इस मिसाइल का परीक्षण तटीय ओडिशा के बालासोर में किया गया।
शौर्य मिसाइल के इस नए संस्करण के जरिए 800 किमी दूर स्थित लक्ष्य पर भी निशाना लगाया जा सकता है।
हाई-स्पीड ड्रोन 'ABHYAS' :-
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 22 सितम्बर 2020 को स्वदेशी हाई-स्पीड टार्गेट ड्रोन अभ्यास (ABHYAS) का सफल परीक्षण किया।
अभ्यास को उड़ान भरने के लिए किसी बाहरी चीज के मदद की आवश्यकता नहीं होती है।
अभ्यास ड्रोन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह ऑटोपायलट की मदद से अपने टारगेट पर आसानी से निशाना लगा सकता है।
शुक्र ग्रह पर अलौकिक जीवन के संकेत :-
वैज्ञानिकों ने इस 14 सितंबर 2020 को खुलासा किया है कि उन्होंने निर्जन शुक्र ग्रह पर जीवन के संभावित संकेतों का पता लगाया है।
वैज्ञानिकों ने शुक्र ग्रह के अम्लीय बादलों में फॉस्फीन नामक एक गैस का पता लगाया है जिससे यह इंगित होता है कि पृथ्वी के पड़ोस में जीवाणुओं का वास हो सकता है।
फॉस्फीन परिवेशी तापमान पर एक ज्वलनशील, रंगहीन और विस्फोटक गैस है जिसमें लहसुन या सड़ने वाली मछली की गंध होती है।
सूर्य से दूसरे ग्रह और पृथ्वी के निकटतम पड़ोसी शुक्र ग्रह की संरचना ऐसी है जो पृथ्वी की तरह ही है लेकिन पृथ्वी से थोड़ी छोटी है।
शुक्र ग्रह की सतह का तापमान लगभग 471 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है जोकि इतना अधिक गर्म होता है कि सीसा पिघल जाए इसलिए इस ग्रह को जीवन रहित या निर्जन माना जाता है।
आकाशगंगा की खोज :-
भारतीय अंतरिक्ष विज्ञानियों ने ब्रह्मांड में सबसे दूर स्थित एक और स्टार गैलेक्सी (आकाशगंगा) की खोज की है यह पृथ्वी से 9.3 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
अंतरिक्ष विभाग के अनुसार, एयूडीएफएस-01 नामक इस आकाशगंगा की खोज आइयूसीएए पुणे के डॉ. कनक साह के नेतृत्व में खगोलविदों की एक टीम ने की थी।
यह खोज करने वाली भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला एस्ट्रोसैट 28 सितंबर 2015 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल :-
भारत ने ओडिशा स्थित एक प्रक्षेपण स्थल से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का 30 सितम्बर 2020 को सफल प्रायोगिक परीक्षण किया।
यह मिसाइल 400 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम है एवं मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है।
ब्रह्मोस के नए संस्करण का प्रपल्शन सिस्टम, एयरफ्रेम, पॉवर सप्लाई समेत कई महत्वपूर्ण उपकरण भारत में ही विकसित किए गए हैं।
ब्रह्मोस को भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के अलग-अलग संस्करण बनाए गए हैं।
चंद्रयान -2 :-
चंद्रयान -2 ऑर्बिटर ने इस 20 अगस्त, 2020 को चंद्रमा की कक्षा में अपना एक वर्ष पूरा कर लिया है।
चन्द्रयान -2 मिशन को व्यापक तरीके से चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास के तहत चंद्रमा की सतह पर स्थलाकृति, खनिज विज्ञान, भूतल रासायनिक संरचना, थर्मोफिजिकल विशेषताओं और वातावरण का विस्तृत अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया गया था।
भारत का दूसरा चंद्र अभियान, चंद्रयान -2 गत 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया गया था।
चंद्रयान -1 भारत का पहला चंद्र मिशन वर्ष 2008 में लॉन्च किया गया था, इस मिशन ने चंद्र सतह पर सतही पानी की व्यापक उपस्थिति और उपसतही-ध्रुवीय जल-बर्फ जमा होने के लिए संकेत के स्पष्ट प्रमाण दिए थे।
"मार्स 2020 " मिशन :-
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 30 जुलाई 2020 को मंगल मिशन ‘मार्स 2020’ लॉन्च किया।
यह वहां पर जीवन की संभावना को देखते हुए आवश्यक प्रयोग करेगा और लौटते समय वहां की मार्टियन चट्टान का टुकड़ा भी धरती पर लाएगा एवं उस चट्टान के अध्ययन से वैज्ञानिक पता लगाएंगे कि मंगल ग्रह पर भी कभी जीव का वास था या नहीं।
अमेरिका अकेला देश है जिसने मंगल ग्रह के लिए नौवीं बार अभियान शुरू किया है, इससे पहले के उसके सभी आठ अभियान सफल और सुरक्षित रहे हैं।
चीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाद अमेरिका तीसरा देश बना है जिसने मंगल ग्रह के लिए अपना उपग्रह रवाना किया है।