भारत का प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री की स्थिति :-
- भारत में संविधान द्वारा स्थापित संसदीय व्यवस्था में वास्तविक कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री में निहित होती हैं। एवं प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति :-
- संविधान में प्रधानमंत्री के निर्वाचन एवं नियुक्ति के लिए विशेष प्रक्रिया वर्णिंत नहीं है। अनुच्छेद-75 के अनुसार राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेगा।
- सरकार की संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है। यदि किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं है तब राष्ट्रपति वैयक्तिक विवेक स्वतंत्रता का प्रयोग कर सबसे बड़े दल या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है एवं 1 महीने के भीतर सदन में विश्वस मत हासिल करने के लिए कहता है।
- यदि प्रधानमंत्री की अचानक मृत्यु हो जाये तब भी राष्ट्रपति अपने वैयक्तिक विवेक का उपयोग कर प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है।
प्रधानमंत्री के लिए संसद की सदस्यता :-
- भारतीय संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री संसद के दोनों सदनों में से किसी का भी सदस्य हो सकता है।
- 1980 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि संविधान में यह आवश्यक नहीं कि एक व्यक्ति प्रधानमंत्री नियुक्त होने से पहले लोकसभा में अपना बहुमत सिद्ध करे। राष्ट्रपति को पहले प्रधानमंत्री कि नियुक्ति करनी चाहिए एवं एक तय अवधि के भीतर लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए कहना चाहिए।
- 1997 में उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया कि एक व्यक्ति जो किसी सदन का सदस्य न हो 6 माह के लिए प्रधानमंत्री नियुक्त किया जा सकता है। इस अवधि में उसे संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना पड़ेगा अन्यथा वह प्रधानमंत्री नहीं रहेगा।
शपथ, कार्यकाल, वेतन एवं भत्ते :-
- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को पद ग्रहण करने से पूर्व पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाता है।
- प्रधानमंत्री का कार्यकाल निश्चित नहीं होता है वह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत पद धारण करता है लेकिन राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को तब तक पद से हटा नहीं सकता जब तक कि उसे लोकसभा में बहुमत हासिल है। लोकसभा में विश्वास मत खोने पर प्रधानमंत्री को पद से त्यगपत्र देना होता है।
- प्रधानमंत्री के वेतन भत्तों का निर्धारण समय समय पर संसद द्वारा किया जाता है। संसद सदस्य को जो वेतन भत्ते मिलते हैं वही प्रधानमंत्री को भी मिलते हैं।
मंत्रिपरिषद के सम्बन्ध शक्तियां :-
- मंत्री पद पर नियुक्ति हेतु अपने दल के सदस्यों की राष्ट्रपति को सिफारिश करता है।
- मंत्रियों को विभिन्न मंत्रालय आबंटित करना एवं फेरबदल करना।
- मंत्री को त्यगपत्र देने के लिए कहना या राष्ट्रपति द्वारा किसी मंत्री को बर्खास्त की सलाह देना।
- मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करना एवं उसके निर्णयों को प्रभावित करना।
- मंत्रियों की गतिविधि को नियंत्रित एवं निर्देशित करना तथा समन्वय बनाये रखना ।
- प्रधानमंत्री अपने पद से त्यगपत्र देकर मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर सकता है।
राष्ट्रपति के सम्बन्ध में शक्तियां :-
प्रधानमंत्री राष्ट्रपति एवं मंत्रिपरिषद के बीच संवाद की मुख्य कड़ी है। एवं प्रधानमंत्री के निम्न दायित्व हैं -
- प्रधानमंत्री संघ के कार्यकलाप के प्रशासन सम्बन्धी एवं विधान सम्बन्धी निर्णयों की जानकारी राष्ट्रपति को देता है।
- राष्ट्रपति यदि संघ के प्रशासन एवं विधान सम्बन्धी निर्णयों की जानकारी मांगे तो उनको उपलब्ध कराना।
- किसी विषय पर किसी मंत्री ने कोई निर्णय लिया हो लेकिन मंत्रिपरिषद द्वारा विचार न किया गया हो तो राष्ट्रपति द्वारा अपेक्षा करने पर उनके समक्ष विचार के लिए रखे।
- प्रधानमंत्री विभिन्न अधिकारियों जैसे - भारत का महान्यायवादी,भारत का महानियंत्रक महालेखा परीक्षक, संघ लोकसेवा आयोग का अध्यक्ष एवं सदस्यों, चुनाव आयुक्तों, वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति में राष्ट्रपति को परामर्श देना।
संसद के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां :-
- प्रधानमंत्री निचले सदन (लोकसभा) का नेता होता है, इस संबंध में निम्न शक्तियों का प्रयोग करता है :-
- वह राष्ट्रपति को संसद का सत्र आहूत करने एवं सत्रावसान करने का परामर्श देता है।
- वह किसी भी समय लोकसभा विघटित करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर सकता है।
- वह सभापटल पर सरकार की नीतियों की घोषणा करता है।
प्रधानमंत्री की अन्य शक्तियां एवं कार्य :-
- वह योजना आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद्, राष्ट्रीय एकता परिषद्, अंतर्राज्यीय परिषद् और राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद् का अध्यक्ष होता है।
- राष्ट्र की विदेश नीति को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- वह केंद्र सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है।
- वह आपातकाल के दौरान राजनीतिक स्तर पर आपदा प्रबंधन का प्रमुख है।
- वह सेनाओं का राजनीतिक प्रमुख होता है।
राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के बीच संबंध :-
अनुच्छेद 74 :
- राष्ट्रपति को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा। राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करेगा।
- हालांकि राष्ट्रपति उसकी सलाह पर पुनर्विचार के लिए कह सकता है, लेकिन पुनर्विचार के बाद दी गयी सलाह बाध्यकारी है।
अनुच्छेद 75 :
- प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा एवं प्रधानमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करेगा।
- मंत्री राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपना पद धारण करेंगे।
- मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होगी।
अनुच्छेद 78 :
- संघ के कार्यकलाप के प्रशासन सम्बन्धी और विधान सम्बन्धी प्रस्थापनाओं और मंत्रिपरिषद के सभी निर्णयों की जानकारी प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को दे।
मुख्यमंत्री जो प्रधानमंत्री बने :-
- 6 लोग - मोरारजी देसाई, चरण सिंह, वी० पी० सिंह, पी० वी० नरसिम्हा राव, एच० डी० देवगौड़ा एवं नरेंद्र मोदी अपने राज्यों के मुख्यमंत्री बनने के बाद देश के प्रधानमंत्री बने।