कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 04 मार्च 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी।
इस एकीकरण से इन बैंकों में बड़े स्तर के ऋणों में सहायता के साथ-साथ व्यापक वित्तीय क्षमता के द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक कार्य संचालनों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
सभी एकीकृत बैंकों में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को अपनाने से बैंकों में उनकी लागत कुशलता तथा जोखिम प्रबंधन में सुधार होगा एवं व्यापक पहुंच के माध्यम से वित्तीय समावेशन के लक्ष्य में भी वृद्धि होगी।
बैंकों के विलय से उनकी परिचालन लागत में भी कमी आती है और कार्यकुशलता में भी वृद्धि देखी जाती है।
मनी लॉन्ड्रिंग :-
अमेरिकी शोध संस्थान ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी (जीएफआई) ने 03 मार्च 2020 को एक रिपोर्ट जारी की इसके अनुसार व्यापार के जरिये काले धन को सफेद करने के मामले में भारत 135 देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में व्यापार से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के जरिए अनुमानित 83.5 अरब डॉलर की राशि पर टैक्स चोरी की जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में चीन 457.7 अरब डॉलर की राशि पर कर चोरी के साथ पहले स्थान पर है।
मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब अवैध तरीके से कमाए गए काले धन को वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में दिखाने से होता है।
मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से कमाए गए धन पर सरकार को कोई कर (टैक्स) नही मिलता है क्योंकि इस धन का कोई भी लेखा-जोखा सरकार के पास नही होता है।
सोनभद्र में सोने की खदान :-
भूवैज्ञानिकों ने उत्तर प्रदेश के नक्सल प्रभावित सोनभद्र जिले में लगभग 3000 तक सोने की दो खदानों के खोजे जाने का दावा किया।
उत्तर प्रदेश में ऐसे दो क्षेत्र हैं जहां विशेषज्ञ भारी सोने का भंडार मौजूद होने की उम्मीद कर रहे हैं, पहला स्थान सोनपहाड़ी और दूसरा हरदी क्षेत्र।
विश्व स्वर्ण परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्तमान में 618.2 टन सोने का भंडार है जो कुल विदेशी भंडार में सोने की हिस्सेदारी 6.6 प्रतिशत है।
सोनभद्र सोने की खदान 8-9 महीनों के लिए वैश्विक सोने की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है एवं भारत के विदेश से होने वाले सोने के आयात को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
अटल भूजल योजना :-
विश्व बैंक और भारत सरकार ने 17 फरवरी 2020 को अटल भूजल योजना हेतु 450 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये।
अटल भूजल योजना का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से देश के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार करना है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के उन इलाकों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है जिन इलाकों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है।
यह योजना महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में लागू की जाएगी।
बौद्धिक संपदा सूचकांक :-
भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) सूचकांक 2020 में फिसलकर 40वें स्थान पर पहुंच गया है, पिछले साल 50 देशों की इस सूची में 36वें स्थान पर था।
इस सूचकांक में अमेरिका पहले, ब्रिटेन दूसरे, स्वीडन तीसरे, फ्रांस चौथे और जर्मनी पांचवें स्थान पर रहा है।
यह सूचकांक अमेरिकी चैंबर आफ कॉमर्स के वैश्विक नवोन्मेषण नीति केंद्र (जीआईपीसी) द्वारा तैयार किया गया।
यह सूचकांक जीआईपीसी ने 45 संकेतकों पर तैयार किया है और इनमें पेटेंट, कॉपीराइट और व्यापार गोपनीयता का संरक्षण आदि शामिल हैं।
किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा सृजित कोई रचना, संगीत, साहित्यिक कृति, कला, खोज, नाम अथवा डिजाइन आदि, उस व्यक्ति अथवा संस्था की ‘बौद्धिक संपदा’ कहलाती है।
बौद्धिक संपदा अधिकार व्यक्ति या संस्था को अपनी रचना/आविष्कार पर एक निश्चित अवधि हेतु विशेषाधिकार प्रदान करते हैं, इन विशेषाधिकारों का विधि द्वारा संरक्षण पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क आदि के रूप में किया जाता है।
सहकारी बैंक :-
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियामक नियंत्रण के तहत लाने का फैसला किया।
पिछले दिनों लगातार देश के विभिन्न हिस्सों से कॉपरेटिव बैंक में फर्जीवाड़े के मामले सामने आए इसलिए सरकार द्वारा यह कदम किसी भी तरह के कदाचार को रोकने और बेहतर रेगुलेशन को सुनिश्चित करने हेतु किया गया।
सहकारी बैंक (को-ऑपरेटिव बैंक) वे बैंक हैं जिनका गठन एवं कार्यकलाप, सहकारिता के आधार पर होता है। विश्व के अधिकांश भागों में सहकारी बैंक हैं जो लोगों की पूँजी जमा करते हैं तथा लोगों को धन उधार देते हैं।
इन बैंकों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए अधिक साख-सुविधाएं उपलब्ध कराना है। अतः ये संस्थाएं भी वित्तीय समावेशन में सहायक है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) :-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का घोषणा की।
सरकार की स्वामित्व वाली बीमा कंपनी एलआईसी भी बुरे दौर से गुजर रही है, एलआईसी पर नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (एनपीए) का बोझ ज्यादा है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है, यह देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है। इसकी स्थापना साल 1956 में हुई थी एवं इसका मुख्यालय मुंबई में है।
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक :-
ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने 23 जनवरी 2020 को इस सूचकांक को 2019 में एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर लॉन्च किया।
भारत भ्रष्ट देशों की सूची में दो स्थान फिसल कर 78वें स्थान से 80वें स्थान पर आ गया।
इस सूची में डेनमार्क और न्यूजीलैंड संयुक्त रूप से शीष पर बने हुए हैं अर्थात डेनमार्क और न्यूजीलैंड सबसे ईमानदारी वाले देश हैं।
रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक शक्ति पर जांच और संतुलन बनाए रखने वाली संस्थाओं को मजबूत रखना, भ्रष्टाचार विरोधी कानून को मजबूती देना तथा नागरिकों एवं समाज को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक :-
2020 के वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में आठ पायदान की छलांग लगाकर भारत का 72 वां स्थान प्राप्त किया।
यह सूचकांक विश्व के देशों को उनकी तरक्की करने, प्रतिभाओं को अपने साथ बनाए रखने और आकर्षित करने की उनकी क्षमता के आधार पर तैयार किया जाता है।
2020 के वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में स्विटजरलैंड सबसे शीर्ष पर रहा तथा उसके बाद अमेरिका और सिंगापुर का स्थान है।
‘मनी मोबाइल’ ऐप :-
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में दृष्टिबाधित लोगों की सहायता हेतु ‘मनी मोबाईल’ ऐप जारी किया।
यह ऐप दृष्टिबाधित लोगों को नोटों की पहचान करने में काफी मदद करेगा।
आरबीआई ने यह पूरी तरह से स्पष्ट किया कि यह ऐप विशेषताओं के आधार पर नोट के मूल्य की पहचान करेगा, लेकिन असली एवं नकली नोट में फर्क नहीं करेगा।
ग्लोबल सोशल मोबिलिटी इंडेक्स :-
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की 'ग्लोबल सोशल मोबिलिटी इंडेक्स' की 82 देशों की सूची में भारत को 76वां स्थान मिला है।
इस सूची में डेनमार्क को पहला स्थान मिला है, और यह इंडेक्स 'हर व्यक्ति के लिए समान अवसर' के आधार पर बना है।
इंडेक्स में भारत उन पांच देशों में शामिल है जो सोशल मोबिलिटी को बेहतर बनाकर सर्वाधिक लाभ उठा सकते हैं।
ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स :-
द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने वर्ष 2019 के लिए एक वैश्विक लोकतंत्र सूचकांक जारी किया।
2019 के लिए लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक सूची में भारत 10 स्थान फिसल कर 51वें स्थान पर आ गया है और नागरिक स्वतंत्रता के कमी की वजह से भारत के डेमोक्रेसी स्कोर में गिरावट आई है।
इस सूची में नॉर्वे शीर्ष पर है जबकि उत्तर कोरिया 167वें स्थान के साथ सबसे नीचे है।
वैश्विक लोकतंत्र सूचकांक सरकार का कामकाज, चुनाव प्रक्रिया व बहुलतावाद, राजनीतिक भागीदारी, राजनीतिक संस्कृति तथा नागरिक स्वतंत्रता पर आधारित है।
द इकोनॉमिस्ट ने साल 2006 में डेमोक्रेसी इंडेक्स जारी करना शुरू किया था।